अतीत एक साथ
क्यों मिलना दुबारा
अतीत जो बीत गया
क्यों जुड़ना दुबारा
आखिर क्यों मिलना दुबारा
ये जुड़ाव
जुड़ाव ही रहेगा
कोशिश चाहे कर्ण की हो
पर अतीत , आज न बन पाएगा
सुख तो हम
भूल गए होते हैं
पर दुख दमकी साध
किसी कोने में बैठे होते है
मैं ये नही कहता
अतीत नहीं
जीवन का
हिस्सा हमारा
पर सहसा वो अतीत
जो प्रेरणा, खुशी प्रदान कर
ला सके जीवन में फिर
वो उन्माद दुबारा
उसे याद रख
शेष भूल जाना
अतीत,अतीत कर
आज न मिटाना
अतीत भूल सहज
आज को अपनाना