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25 Aug 2023 · 1 min read

*अज्ञानी की कलम*

अज्ञानी की कलम
छै:ऋतुएं मौसम की होती है।
क्या रात की रानी सोती है।।
नेकी को नज़र अंदाज़ करते।
स्वार्थी घृतराष्ट हुआ करते है।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•

1 Like · 352 Views
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