अजूबा (बाल कविता)
बाल कविता: अजूबा
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सारे तारे क्यों सफेद हैं
कुछ हों भूरे पीले ,
नाचें थोड़े तारे नभ में
वस्त्र ओढ़कर नीले
चाँद सात रंगों का हो तो
अजब नजारा होगा,
रोज रंग बदले यदि नभ तो
कितना प्यारा होगा
झरने का पानी नीचे से
ऊपर को चढ़ जाए ,
सूरज पश्चिम से निकले
फिर पूरब को बढ़ जाए
कौवा बोले चीं चीं चीं चीं
चिड़िया कर्कश गाए,
कछुआ भागे दौड़ -दौड़ कर
हिरन खड़ा रह जाए
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रचयिता: रवि प्रकाश, रामपुर