Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2024 · 1 min read

“अजीब फलसफा”

“अजीब फलसफा”
अजीब फलसफा है
इस जीवन का
जब मैं ढूँढ़ता हूँ
तो तुम नहीं मिलते
जब तुम ढूँढ़ते हो
तो मैं नहीं मिलता।

5 Likes · 4 Comments · 259 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
विजय कुमार अग्रवाल
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,
Neelofar Khan
आज के जमाने में-
आज के जमाने में-
लक्ष्मी सिंह
हमें खुद से बैर क्यों हैं(आत्मघात)
हमें खुद से बैर क्यों हैं(आत्मघात)
Mahender Singh
I want my beauty to be my identity
I want my beauty to be my identity
Ankita Patel
"दोस्त और मुश्किल वक़्त"
Lohit Tamta
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
Rj Anand Prajapati
बुंदेली (दमदार दुमदार ) दोहे
बुंदेली (दमदार दुमदार ) दोहे
Subhash Singhai
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
ओनिका सेतिया 'अनु '
बस एक कहानी .....
बस एक कहानी .....
संजीवनी गुप्ता
आशा
आशा
Rambali Mishra
जब तक हम जिंदा यहाँ पर रहेंगे
जब तक हम जिंदा यहाँ पर रहेंगे
gurudeenverma198
" तलाश "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
इंजी. संजय श्रीवास्तव
सब जाग रहे प्रतिपल क्षण क्षण
सब जाग रहे प्रतिपल क्षण क्षण
Priya Maithil
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
Ravi Prakash
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
Shubham Pandey (S P)
तुझे भूलना इतना आसां नही है
तुझे भूलना इतना आसां नही है
Bhupendra Rawat
*
*"नमामि देवी नर्मदे"*
Shashi kala vyas
बचपन
बचपन
Phool gufran
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
bharat gehlot
मदिरा
मदिरा
Shekhar Deshmukh
रिश्ता मेरा नींद से, इसीलिए है खास
रिश्ता मेरा नींद से, इसीलिए है खास
RAMESH SHARMA
अभी कुछ बरस बीते
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
मोर सोन चिरैया
मोर सोन चिरैया
Dushyant Kumar Patel
वो मेरा था तारा ...
वो मेरा था तारा ...
sushil sarna
उम्मीद
उम्मीद
शेखर सिंह
ऐसा एक भारत बनाएं
ऐसा एक भारत बनाएं
नेताम आर सी
Loading...