अजीब दास्तां
मोहब्बत भी बहुत अजीब दास्तां है
ग़म में भी हसा देती हैं
मरते को ज़िंदा कर देती हैं
अंधेरे में रहा दिखा देती हैं
हारे हुए को जीता देती हैं
डूबे हुए को किनारा लगा देती हैं
फिर भी हर किसी को मोहब्बत नहीं मिलती
जिनको मिलती हैं उनको कदर नहीं होती