Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2018 · 1 min read

अजब है।

जनता अजब है
नेता गजब हैं
जो शरीफ है चुप है
जो बदमाश है
उन्हें माइक देते है

तरह-तरह के हंगामे है
शोर है सरगर्मी है
यहाँ शोक ही उत्सव है
दुश्मन बने चहेते हैं

है बहुत चेहरे
उससे ज्यादा आईने हैं

दल बदलते रूप बदलते
मानो हर एक बहरूपिया हो

अस्ताचल हो तो
फैलता अंधेरा है
चमकता सूरज हो तो
ये जलती दोपहरी हैं

दुपहरी में गले मिलते और रात में
इसकी-उसकी-अपनी
गर्दन रेत देते है
जनता अजब है
नेता गजब है

Language: Hindi
2 Likes · 307 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
कृष्णकांत गुर्जर
गौतम बुद्ध है बड़े महान
गौतम बुद्ध है बड़े महान
Buddha Prakash
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
Sarfaraz Ahmed Aasee
मां कृपा दृष्टि कर दे
मां कृपा दृष्टि कर दे
Seema gupta,Alwar
2349.पूर्णिका
2349.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जां से गए।
जां से गए।
Taj Mohammad
खामोशियां आवाज़ करती हैं
खामोशियां आवाज़ करती हैं
Surinder blackpen
माँ का जग उपहार अनोखा
माँ का जग उपहार अनोखा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
Rituraj shivem verma
--: पत्थर  :--
--: पत्थर :--
Dhirendra Singh
भरोसा
भरोसा
Paras Nath Jha
12 fail ..👇
12 fail ..👇
Shubham Pandey (S P)
"गुब्बारा"
Dr. Kishan tandon kranti
It is necessary to explore to learn from experience😍
It is necessary to explore to learn from experience😍
Sakshi Tripathi
यायावर
यायावर
Satish Srijan
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मन से मन को मिलाओ सनम।
मन से मन को मिलाओ सनम।
umesh mehra
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
एक ख्वाब थे तुम,
एक ख्वाब थे तुम,
लक्ष्मी सिंह
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
चाय पार्टी
चाय पार्टी
Sidhartha Mishra
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
हम आज भी
हम आज भी
Dr fauzia Naseem shad
बूँद-बूँद से बनता सागर,
बूँद-बूँद से बनता सागर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिन्हें नशा था
जिन्हें नशा था
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मातृस्वरूपा प्रकृति
मातृस्वरूपा प्रकृति
ऋचा पाठक पंत
*जनता के कब पास है, दो हजार का नोट* *(कुंडलिया)*
*जनता के कब पास है, दो हजार का नोट* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...