अजब गजब
वो (छिपकली) मुझे देख घबराती है, मैं उसे देख घबराता हूँ
वो मुझे देख डर जाती है मैं उसे देख डर जाता हूँ
वो मुझसे नैन लड़ाती है मैं उससे नैन बचाता हूँ
वो कमरे में आ जाती है मैं कमरे से चला जाता हूँ
क्या रिश्ता है मेरा उसका, समझ नही मैं पाता हूँ
एक छत के नीचे रह कर भी मेल नही कर पाता हूँ
क्यों वो ऐसा करती है यह समझ नही मैं पाता हूँ
कोई बैर नही उससे है फिर भी उससे मैं घबराता हूँ ।
मुझे तो लगता है जैसे कि कुछ कहना उससे चाहता हूँ
पर इतना साहस हुआ नही, जितना मैं कहना चाहता हूँ
!! आकाशवाणी !!