Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2017 · 1 min read

अच्छे दिन

आएगें अच्छे दिन
ज़रा ठहरो तो सहीं
सपने होगें साकार
सपने सजाओं तो सही
अभी तो सत्ता का नशा है
होना तो अभी बाकी हैं
आएगें अच्छे दिन
ज़रा ठहरों तो सहीं
शासन की सत्ता-से
ऐसी छायी चुस्ती
इंसानों के सिर
नोंच रहे है कुत्ते
फिर भी कहते हैं
आएगें अच्छे दिन
ज़रा ठहरों तो सही
अच्छे दिन देने वाले
अच्छे दिन को नही समझते
महंगाई में छीपे जनता का
दर्द नहीं समझते
आएगे अच्छे दिन
ज़रा ठहरो तो सही
देश की गलियों में
सार्वजनिक सभाओ में
वादों की बरसातों से
बैठ गए संसद में
फिर भी कहते है-
आएगें अच्छे दिन
ज़रा ठहरों तो सही
बैठनें वाले बैठे हैं
घूमने वाले घूम-रहे हैं
बढनें वाले बढ-रहे हैं
गिरनें वाले गिर-रहे हैं
लड़ने वाले मर-रहे हैं
फिर भी कहते है-
आएगे अच्छे दिन
ज़रा ठहरों तो सहीं !
कहने की आदत नहीं
पर कह देता हूँ –
तुम जो कर रहे हैं
ये चल नही सकता
देश -सेवा से भरा
हृदय बदल नहीं सकता
अच्छे दिन , वादा है जनता-से
तुम इससे मूकर नही सकते
जन के मन-को ,जनता-से
तुम छल नहीं सकते !
आएगें अच्छे दिन
ज़रा ठहरों तो सही !!!

————×—————-×—————

Language: Hindi
2 Comments · 568 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बाण मां री महिमां
बाण मां री महिमां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जन्मदिन का ये शुभ अवसर
जन्मदिन का ये शुभ अवसर
Mamta Rani
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
स्वीकारा है
स्वीकारा है
Dr. Mulla Adam Ali
दर्द लफ़ज़ों में
दर्द लफ़ज़ों में
Dr fauzia Naseem shad
चांदनी न मानती।
चांदनी न मानती।
Kuldeep mishra (KD)
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परिवर्तन ही स्थिर है
परिवर्तन ही स्थिर है
Abhishek Paswan
समंदर
समंदर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" हो सके तो किसी के दामन पर दाग न लगाना ;
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
कुछ शब्द
कुछ शब्द
Vivek saswat Shukla
मुझमें गांव मौजूद है
मुझमें गांव मौजूद है
अरशद रसूल बदायूंनी
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
3878.💐 *पूर्णिका* 💐
3878.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
😘मानस-मंथन😘
😘मानस-मंथन😘
*प्रणय*
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
Phool gufran
रिश्ता चाहे जो भी हो,
रिश्ता चाहे जो भी हो,
शेखर सिंह
इश्क
इश्क
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
फूल बेजुबान नहीं होते
फूल बेजुबान नहीं होते
VINOD CHAUHAN
जो द्वार का सांझ दिया तुमको,तुम उस द्वार को छोड़
जो द्वार का सांझ दिया तुमको,तुम उस द्वार को छोड़
पूर्वार्थ
बरखा में ऐसा लगे,
बरखा में ऐसा लगे,
sushil sarna
वीर जवान --
वीर जवान --
Seema Garg
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
Neeraj Mishra " नीर "
നിശാഗന്ധി.
നിശാഗന്ധി.
Heera S
Loading...