अच्छा होता
जो तुम पहले ही दिल की बात बताते , तो अच्छा होता
वो पहली नज़र में तुम मुस्कुराते , तो अच्छा होता ।।
यू तो चाँद सितारे सभी मौजूद थे यहां
मग़र तुम भी छत पर आते , तो अच्छा होता ।।
माना हो गयी देरी मुझे तुमसे कहने में
फिर भी पहले तुम हाथ बढ़ाते , तो अच्छा होता ।।
वक़्त पर ध्यान से देते हो पौधों को पानी
कुछ बूंदे हम पर भी गिराते , तो अच्छा होता ।।
मैं निकला था घर से तुम्हे मिलने के लिए
तुम भी मेरी ओर चलकर आते , तो अच्छा होता ।।
– चिंतन जैन