Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2020 · 1 min read

अग्रसेन जी पर मुक्तक

शुरू अग्रवालों से जिनसे कहानी
थे वो अग्रसेनी महाराज ज्ञानी
थे समता ,अहिंसा के सच्चे पुजारी
सरलता का उनके नहीं कोई सानी

19-10-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
वक़्त को वक़्त ही
वक़्त को वक़्त ही
Dr fauzia Naseem shad
222. प्रेम करना भी इबादत है।
222. प्रेम करना भी इबादत है।
मधुसूदन गौतम
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवाम
गुमनाम 'बाबा'
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
शिव प्रताप लोधी
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
GOD BLESS EVERYONE
GOD BLESS EVERYONE
Baldev Chauhan
परमेश्वर का प्यार
परमेश्वर का प्यार
ओंकार मिश्र
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
Sonam Puneet Dubey
स्मृति प्रेम की
स्मृति प्रेम की
Dr. Kishan tandon kranti
मार मुदई के रे... 2
मार मुदई के रे... 2
जय लगन कुमार हैप्पी
अब तो आई शरण तिहारी
अब तो आई शरण तिहारी
Dr. Upasana Pandey
ज़रूरत में ही पूछते हैं लोग,
ज़रूरत में ही पूछते हैं लोग,
Ajit Kumar "Karn"
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
Suryakant Dwivedi
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
Sanjay ' शून्य'
*मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है*
*मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है*
Krishna Manshi
विरह–व्यथा
विरह–व्यथा
singh kunwar sarvendra vikram
उसके कहने पे दावा लिया करता था
उसके कहने पे दावा लिया करता था
Keshav kishor Kumar
घाटे का सौदा
घाटे का सौदा
विनोद सिल्ला
■दम हो तो...■
■दम हो तो...■
*प्रणय प्रभात*
Apne yeh toh suna hi hoga ki hame bado ki respect karni chah
Apne yeh toh suna hi hoga ki hame bado ki respect karni chah
Divija Hitkari
GOOD EVENING....…
GOOD EVENING....…
Neeraj Agarwal
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
करूँ प्रकट आभार।
करूँ प्रकट आभार।
Anil Mishra Prahari
माई कहाँ बा
माई कहाँ बा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
धवल चाँदनी में हरित,
धवल चाँदनी में हरित,
sushil sarna
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
कृष्णकांत गुर्जर
जमीर पर पत्थर रख हर जगह हाथ जोड़े जा रहे है ।
जमीर पर पत्थर रख हर जगह हाथ जोड़े जा रहे है ।
Ashwini sharma
धर्म निरपेक्षता
धर्म निरपेक्षता
ओनिका सेतिया 'अनु '
2565.पूर्णिका
2565.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...