“अग्निस्नान”
“अग्निस्नान”
धूप, सूरज औ’ लू की त्रयी
करा देती अग्निस्नान,
दादी- नानी सदा बरजती
आसमान से झाँक रहे
उस आतंकवादी सूरज से
सदा रहो सावधान।
“अग्निस्नान”
धूप, सूरज औ’ लू की त्रयी
करा देती अग्निस्नान,
दादी- नानी सदा बरजती
आसमान से झाँक रहे
उस आतंकवादी सूरज से
सदा रहो सावधान।