अगर वह यूँ पीते है।
जो पसन्द है उनको पीना,
तो पीने दो अगर वह यूँ पीते है।।1।।
समझेगा उनका खुदा उन्हें,
जी लेने दो अगर वह यूँ जीतें हैं।।2।।
खुद ही अज्र पा जाएंगे वो,
जो कुछ भी जिंदगीं में करते है।।3।।
सब तो दिया है खुदा ने,
पूंछो क्यूं वह पल पल मरते हैं।।4।।
बीता भूलकर जियो तुम,
गमों को यूँ ना सीने में सीते है।।5।।
फिर जान पे बन आती है,
जब जब ऐसे मजाक करते है।।6।।
उसके वालिदैन भी कैसे है,
जो वो ना कुछ कहते सुनते है।।7।।
यह कैसा धमाका हुआ है,
जो दरख्तों से परिन्दें उड़ते है।।8।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ