Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2021 · 1 min read

अगर अभिवादन करते हैं !

अगर अभिवादन करते हैं,
अनसुना करते हैं वो यार,
भूली बिसरी बातों को लेकर,
हृदय को दुःख देते हैं।

मुस्कुराते हुए इशारा करते हैं,
इधर-उधर सिर घूमाते हैं यार,
आपको बुला रहें कोई कह दे,
बोलचाल नहीं है उनसे, सुन लो।

मिलने को तो वक्त नहीं है,
जब पास मिले तो मन नहीं मिलता,
महफिल में आकर बैठ गए हैं ,
ऐसे ही न जाने कितने बैठे हैं यार ।

अंदर-ही-अंदर दम घुटता है ,
बाहर से अच्छे दिखते हैं,
थोड़ा-थोड़ा खुश रह लो यार,
सम्मान जीवन का जी लो लाल ।

जलते क्यों हो जल से जीते हो,
फूक मार कर खुद ही पीते हो,
प्रेम की तो राख लगा लो ,
मरने के बाद भी जीते हैं यार ।

तेरी नैया पलट चुकी है ,
मन-ही-मन में सिमट रही है ,
डूबने को है ये मझदार ,
निकट खड़ा हूंँ पूछो ना यार ।

भूल जाओ सब कल की बातें ,
सब एक-दूजे के दुःख-सुख बाँटे,
ढूंँढ़ रहे हैं सब उनको ही यार ,
प्रत्यक्ष विराजे ह्रदय तो माने ।

रचनाकार-
✍🏼
# बुद्ध प्रकाश ;
मौदहा हमीरपुर (उ०प्र०)।

Language: Hindi
2 Likes · 304 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
दो जिस्म एक जान
दो जिस्म एक जान
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
शब्द -शब्द था बोलता,
शब्द -शब्द था बोलता,
sushil sarna
"सुख"
Dr. Kishan tandon kranti
क्षमा अपनापन करुणा।।
क्षमा अपनापन करुणा।।
Kaushal Kishor Bhatt
आज गरीबी की चौखट पर (नवगीत)
आज गरीबी की चौखट पर (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
2432.पूर्णिका
2432.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
अनिल कुमार
सजाया जायेगा तुझे
सजाया जायेगा तुझे
Vishal babu (vishu)
अपनी सोच
अपनी सोच
Ravi Maurya
भूल जाते हैं मौत को कैसे
भूल जाते हैं मौत को कैसे
Dr fauzia Naseem shad
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
Dheerja Sharma
फेर रहे हैं आंख
फेर रहे हैं आंख
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
काट  रहे  सब  पेड़   नहीं  यह, सोच  रहे  परिणाम भयावह।
काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
शनि देव
शनि देव
Sidhartha Mishra
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कहाँ है!
कहाँ है!
Neelam Sharma
पिछले पन्ने 9
पिछले पन्ने 9
Paras Nath Jha
सफ़र जिंदगी का (कविता)
सफ़र जिंदगी का (कविता)
Indu Singh
धरा और इसमें हरियाली
धरा और इसमें हरियाली
Buddha Prakash
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Sukoon
गीत
गीत
Mahendra Narayan
◆कुटिल नीति◆
◆कुटिल नीति◆
*Author प्रणय प्रभात*
सुनो मोहतरमा..!!
सुनो मोहतरमा..!!
Surya Barman
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
Shubham Pandey (S P)
कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
पल भर फासला है
पल भर फासला है
Ansh
Loading...