अगड़ों की पहचान क्या है : बुद्धशरण हंस
अगड़ों की पहचान क्या है?
~समाज में जिन्होंने जानलेवा वर्ण-व्यवस्था बनायी और फैलायी, आज वे अगड़े हैं।
~समाज में जिन्होंने जातिभेद फैलाया, आज वे अगड़े हैं।
~समाज में जिन्होंने ऊंचनीच का भेदभाव फैलाया, आज वे अगड़े हैं।
~समाज में जिन्होंने छुआछूत फैलाया, आज वे अगड़े हैं।
~गांव के श्रमजीवियों की जमीन जायदाद जिन्होंने बेलज्ज और बेरहम होकर लूट ली, आज वे अगड़े हैं।
~अंग्रेजों को झांसा देकर, दबाव बनाकर जिन्होंने देश की आजादी की चाभी अपने नापाक हाथों में छिपा ली, आज वे अगड़े हैं।
~धर्म और मंदिरों पर जाति श्रेष्ठता कायम कर जिन्होंने अधिकार कर लिया, आज वे अगड़े हैं।
~ईमानदार और श्रम से जीनेवालों का निर्ममता से शोषण करना जिन्होंने जीने का आदर्श बना लिया, आज वे अगड़े हैं।
कब तक ऐसा चलेगा? पिछड़ों को होश में आकर सोचना है।