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16 Jan 2017 · 1 min read

अक्सर

हम तुम्हारी चाहत में अक्सर
मौसम की तरह बदलते हैं ।
कभी दिवाने से लगते हैं
कभी पागल बन कर फिरते हैं ।

तुम दुर नहीं पास लगती हो
ख्यालों में जो रहती हो ।
रुख तुमने हमसे मोड़ा हैं
पर हम जिक्र तुम्हारा करते हैं ।

अशियाना तेरा दुर भला
पर दिल में ही तुम्हें रखते हैं ।
सुनी गलियों में भी चलकर
हम राह तुम्हारी तखते हैं ।

तुम बिन सब सुना लगता है
तो सपनों में मिला करते हैं ।
हम तुम्हारी चाहत में अक्सर
मौसम की तरह बदलते हैं । ।

” काजल सोनी “

Language: Hindi
261 Views
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