अक्षय चलती लेखनी, लिखती मन की बात। अक्षय चलती लेखनी, लिखती मन की बात। मिथ्या से जो दूर हो, वहीं सदय जज्बात।। ✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’