अकेले
आए हम अकेले है जाना अकेले ,
बहकाते हैं ये दुनियाँ के मेले
कुछ भी नहीं है सच्चा यहाँ , सारे ही रिश्ते हैं मिथ्या यहाँ
बालू के ढेर पर बैठी है दुनियाँ , झूठे ख्वाबों इरादों की की खुशियां
वह जाएंगे एक दिन रेट एक टीले …आये हम अकेले …………
मिलना तुम्हारा भी इक भरम है, खूबसूरती जिअसे इक वहम है
जुदा होना तेरा इक अहम् है , खोने लगे तो कहलाये गम हैं
भूल जायेंगे आप जो एक बार भूले ……आये हम अकेले ……..
देता नहीं कोई सदा संग किसी का , फिर क्यों दे पतंग साथ डोर औ हवा का
एक तेरी लगन ही सच्चा प्यार है , तेरे पहलू में ही इस दिल का करार है
बाकी सब जिन्दगी के झमेले …आया हम अकेले …..
जीने मरने के वादे जिंदगी के इरादे , रंगीन दुनियां हसीन शहजादे
सच तो ये है शतरंज कि दुनियां , कभी हम मोहरे कभी तुम प्यादें
बदलते हिं जैसे शाकी के प्याले ….आये हम अकेले ………….
गए हैं हमने भी जिन्दगी के नगमे , सहें हैं हमने भी गहरे से सदमे
कहने को ये दुनियां तब भी हमारी थी , खोयी हमें जो हमको प्यारी थी
वह जाएगी किश्ती जो एक बारे ढीले ….आये हम अकेले …….
न कोई हमारा है न हम तुम्हारे हैं , झूठे जैसे उजाले में तारे हैं
जीते नहीं सदा हम भी हारे हैं , बहुत जख्म गहरे हैं जो हमने पाले हैं
इनके निशान से ही दुनियां को झेले …..आये हम अकेले ……
कल हुजूम साथ था हमारे, गीत गाकर हुए थे हम तुम्हारे
आज जब हम गर्दिशी हुए हैं , अपने मेरे अजनबी ही हुए हैं
अश्कों को पौंछा है हमने अकेले …आये हम अकेले …………..