Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

“अकेलापन”

“मैंने अकेलापन चुना नहीं स्वीकार किया है”
कोई मज़ाक ना बनाएं मेरी अधूरी मोहब्बत का, या किसी मुलाक़ात में कोई ज़िक्र ना करदे तुम्हारा, कोई पूछ ना ले मुझसे कहाँ है वो शख्स जो सिर्फ़ तेरा था और फ़िर सहम जाता हूँ महफ़िलों में जब कोई लेता है नाम तुम्हारा,
इसलिए मैंने झूठ कहा है सबसे मैंने अकेलापन चुना है,
हाँ मैं उन्हें बता नहीं पाया की मूझे अकेलापन स्वीकार करना पड़ा …!
“लोहित टम्टा”

2 Likes · 1 Comment · 31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
Paras Nath Jha
Consistency does not guarantee you you will be successful
Consistency does not guarantee you you will be successful
पूर्वार्थ
वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं,
वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
24, *ईक्सवी- सदी*
24, *ईक्सवी- सदी*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
*चिंता चिता समान है*
*चिंता चिता समान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
युग परिवर्तन
युग परिवर्तन
आनन्द मिश्र
शंगोल
शंगोल
Bodhisatva kastooriya
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
कवि दीपक बवेजा
जागृति
जागृति
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल/नज़्म - वजूद-ए-हुस्न को जानने की मैंने पूरी-पूरी तैयारी की
ग़ज़ल/नज़्म - वजूद-ए-हुस्न को जानने की मैंने पूरी-पूरी तैयारी की
अनिल कुमार
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Radhakishan R. Mundhra
स्त्री-देह का उत्सव / MUSAFIR BAITHA
स्त्री-देह का उत्सव / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पिता
पिता
Dr.Priya Soni Khare
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
Swati
" जीवन है गतिमान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
'ऐन-ए-हयात से बस एक ही बात मैंने सीखी है साकी,
'ऐन-ए-हयात से बस एक ही बात मैंने सीखी है साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
Kanchan Khanna
और भी शौक है लेकिन, इश्क तुम नहीं करो
और भी शौक है लेकिन, इश्क तुम नहीं करो
gurudeenverma198
यादों की तस्वीर
यादों की तस्वीर
Dipak Kumar "Girja"
रमेशराज की 3 तेवरियाँ
रमेशराज की 3 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
जो सुनना चाहता है
जो सुनना चाहता है
Yogendra Chaturwedi
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
ruby kumari
छोटी सी दुनिया
छोटी सी दुनिया
shabina. Naaz
युवा दिवस
युवा दिवस
Tushar Jagawat
"समझ का फेर"
Dr. Kishan tandon kranti
गुरु दक्षिणा
गुरु दक्षिणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कलयुगी की रिश्ते है साहब
कलयुगी की रिश्ते है साहब
Harminder Kaur
Loading...