अकेलापन
अकेलापन ही जीवन का सच कहता हैं।
तुम और हम सभी अपने जीवन मानते हैं।
चाहत इश्क मोहब्बत भी एक समय होता हैं।
बस जिंदगी में हम सभी को अकेलापन रहता हैं।
आज में ही बस जरूरत जीने की रहती हैं।
कल पल का न सच हम सभी को मालूम हैं।
न तेरा न मेरा साथ बस एक सोच और समझ हैं।
अकेलापन ही हम सबके साथ साथ रहता हैं।
सच तो बस समय और हम खुद समझते हैं।
हां अकेलापन ही हम सफर रंगमंच पर होता हैं।
किरदार निभा एक किराएदार की बात कहते हैं।
शरीर और मोह माया भी एक अकेलापन होता हैं।
आओ संग साथ दोस्त बनकर साथ निभाते हैं।
अकेलापन दूर हो एक संगठन हम बनाते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र