अकेलापन
तेरा यूँ घर से चले जाना
मुझको अकेला कर जाना
सुकूँ होगा तेरी जिंदगी में
आसां नही है मेरा मर जाना
उम्मीद है तेरे लौट आने की
खुशियां कैसे मनाऊं तेरे जाने की
मेरी जिंदगी है सिर्फ तुमसे ही
चाहत जिंदा है तुम्हे पाने की
ये अकेलापन सहा नही जाता
तेरे बगैर दिल को चैन नही आता
ये खुशामद है तुम्हे मनाने की
इससे ज्यादा बयां नही किया जाता
लौट आओ खोई खुशियां लेकर
लौट आओ घर की रौनक लेकर
ये घर, घर नही है बगैर तुम्हारे
लौट आओ मेरी जिंदगी लेकर
वीर कुमार जैन ‘अकेला’
06 अक्टूबर 2021