Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2021 · 1 min read

अंदाज़े – शायरी

१.

मैं अक्सर उसकी गली के चक्कर लगाया करता हुँ

खुली जुल्फों के साथ उसे खिड़की के करीब पाया

करता हूँ

जब दीदार नहीं होता है, मैं उदास हो जाया करता हूँ

ये मेरा जुनून-ए–आशिकी है, मैं उसकी गली के

चक्कर लगाया करता हूँ

२.

इकबाल मेरा भी बुलंद हो आहिस्ता–आहिस्ता

इंतज़ार मेरा भी ख़त्म हो आहिस्ता–आहिस्ता

उन्हें भी मुझे इश्क हो जाए आहिस्ता- आहिस्ता

जिन्दगी में मेरी भी बहार आ जाए आहिस्ता– आहिस्ता

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

होश संभालता अकेला प्राण
होश संभालता अकेला प्राण
©️ दामिनी नारायण सिंह
*इश्क़ की दुनिया*
*इश्क़ की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
इंसान भी तेरा है
इंसान भी तेरा है
Dr fauzia Naseem shad
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
Shreedhar
नानी का घर
नानी का घर
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
बिना दूरी तय किये हुए कही दूर आप नहीं पहुंच सकते
बिना दूरी तय किये हुए कही दूर आप नहीं पहुंच सकते
Adha Deshwal
*शब्द हैं समर्थ*
*शब्द हैं समर्थ*
ABHA PANDEY
जिंदगी की सांसे
जिंदगी की सांसे
Harminder Kaur
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
Jitendra kumar
जीना यदि चाहते हो...
जीना यदि चाहते हो...
आकाश महेशपुरी
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तू अपने आप पे इतना गुरूर मत कर,
तू अपने आप पे इतना गुरूर मत कर,
Dr. Man Mohan Krishna
माँ तेरे आँचल तले...
माँ तेरे आँचल तले...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*आया पहुॅंचा चॉंद तक, भारत का विज्ञान (कुंडलिया)*
*आया पहुॅंचा चॉंद तक, भारत का विज्ञान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
धन्यवाद
धन्यवाद
Rambali Mishra
" क्या जिये "
Dr. Kishan tandon kranti
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इस संसार मे
इस संसार मे
स्वतंत्र ललिता मन्नू
राह चलने से ही कटती है चला करते हैं।
राह चलने से ही कटती है चला करते हैं।
Kumar Kalhans
त्राहि त्राहि
त्राहि त्राहि
Dr.Pratibha Prakash
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बहुत
बहुत
sushil sarna
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय*
I’ve come to realize that I practice something I like to cal
I’ve come to realize that I practice something I like to cal
पूर्वार्थ
गमों के साये
गमों के साये
Swami Ganganiya
4806.*पूर्णिका*
4806.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
ओसमणी साहू 'ओश'
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ
माँ
Dileep Shrivastava
मायावी संसार
मायावी संसार
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...