*अंतस द्वंद*
संघर्षों के अंगारे पर जीवन को जो झुलसा देता है,
वक्त सदा ऐसे लोगों को ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है!
पहला कर्तव्य निष्ट बनाकर
कर्तव्य करो निडर बनो,
फिर सत्य धर्म को बाहों में
भरकर के जनकल्याण करो!
निस्वार्थ भाव मन में रख के
परमार्थ सदा फैला देता है!
वक्त सदा ऐसे लोगों को ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है!
निश्चित विपत्तियां जीवन में
आने को तत्पर रहती है,
पथ में शूल नैनों में अश्रु
मन में पीड़ा पहुंचाने को तत्पर रहती है l
मार्ग कितना भी कठिन हो
संशयहीन बन प्रभु रस अमृत लेता है,
वक्त सदा ऐसे लोगों को ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है!
तम का कोई अस्तित्व नहीं
प्रकाश की कमी ही होती है,
व्यथा भी कोई रोग नहीं
आनंद की बस कमती है,,
धूप छांव की वेदना जो भरसक सह लेता है,
वक्त सदा ऐसे लोगों को ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है!!
संघर्षों के अंगारे पर जीवन को जो झुलसा देता है,
वक्त सदा ऐसे लोगों को ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है l