अंजान प्यार बेरंग जिंदगी मै
बेरंग दिनों में मिला एक अनजान यार,
मेरे जीवन को भर दिया उसका प्यार।
ना जाने कब हुई हमारी पहचान,
ख्यालों में हमेशा उसकी तरह यहाँ।
वह अजनबी दोस्त बन कर साथ चला,
दिल के दरिया में खो गया हर तला।
बे मतलब रिश्ता था, फिर भी ख़ूबसूरत,
प्यार की एक कहानी बनी ये बात।
हर मुसीबत में साथ खड़ा हुआ वो,
हंसते-हंसते हमारा दर्द जान गया वो।
अनजान राहों में भी मिला वो शख्स,
दिल के क़रीब आकर बन गया हमसफ़र।
ये कहानी अजनबी दोस्ती की रही,
जो अब दिल के दोस्त बन गई यही।❤️
अनजान राहों में मिला वो शख्स,
बे-मतलब रिश्ता निभाता रहा।
कब जान पहचान हो गई ख्यालों में,
ये ना आ पाया वो अजनबी दोस्त बन कर साथ निभाता रहा।
दिलों की बातों को समझता था वो,
बिना शब्दों के हमसफ़र बन जाता रहा।
दूर जब भी चला जाते थे हम,
मन की आहटों को सुनाता रहा।
वक्त की लहरों में भी अनोखा था वो,
हमारे साथ हर पल मुस्काता रहा।
बातें अनकही, ख्वाबों की गलियों में,
वो अपनी दुनिया में खो जाता रहा।
अनजान राहों में उसने बसा लिया था घर,
हमारे दिलों में वो आवाज बन गया।
ये दोस्ती की राहें जो मिल गईं उससे,
हमारी जिन्दगी वो संग बिताता रहा।❤️