अंगारे बरसाने वाला शायर
चारों तरफ देखकर भी
सड़े-गले नज़ारे!
क्या शायर है वह जो
बरसाए न अंगारे!!
तू देश और समाज का
चुका देना क़र्ज़!
अगर तेरा ज़मीर कभी
तुझको धिक्कारे!!
#बहुजन #दलित #आदिवासी #स्त्री #साहित्य #उत्पीड़न #बहुजन #poetry #कवि #शायर