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2 Jun 2023 · 1 min read

“अंकों की भाषा”

“अंकों की भाषा”
एक औ’ एक कमर कसे तो
बन गई बात,
सात और दो जब मिले
निभा गए साथ।
तीन तेरह से तितर-बितर
नहले पर दहला भारी,
दो और दो हुए पाँच कभी
तब हँसे ये दुनिया सारी।

14 Likes · 10 Comments · 542 Views
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