“अंकों की भाषा”
“अंकों की भाषा”
एक औ’ एक कमर कसे तो
बन गई बात,
सात और दो जब मिले
निभा गए साथ।
तीन तेरह से तितर-बितर
नहले पर दहला भारी,
दो और दो हुए पाँच कभी
तब हँसे ये दुनिया सारी।
“अंकों की भाषा”
एक औ’ एक कमर कसे तो
बन गई बात,
सात और दो जब मिले
निभा गए साथ।
तीन तेरह से तितर-बितर
नहले पर दहला भारी,
दो और दो हुए पाँच कभी
तब हँसे ये दुनिया सारी।