Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2021 · 1 min read

مشہور ہو گیا کوئی شہرت لیے بغیر ۔

مشہور ہو گیا کوئی شہرت لیے بغیر ۔
لوٹ جاؤ تم کوئی تہمت لیے بغیر۔
💖
مہمان سا سلوک خود اپنے رقیب سے۔
کیسے و خوش رہیگا عداوت لیے بغیر۔
💖
دنیا کی داستان سناتے رہے ہیں ہم۔
اپنے دلوں میں اپنی حکایت لیے بغیر۔
💖
زندگی لوٹا دی کیسے اور کے لیے۔۔
جلتی ہوئی شمع ہے شکایت لیے بغیر۔
💖
تُجھ سے کوئی بھی بات چھپاتے نہیں ہیں ہم۔
ہر بات کہ دی بار ندامت لیے بغیر۔
💖
دنیا سے بنا عشق کیے جائیں کیوں میاں۔
مر جائیں کیسے اس کی محبت لیے بغیر۔
💖
جی چاہتا ہے اس سے محبت کیا کریں۔
اک طرفہ کروں عشق اجازت لیے بغیر۔
💖
قصہ غم حیات کا کرتے رہو رقم۔
نام و نمود اور کوئی چاہت لیے بغیر۔
💖
تنہا ہوں میں صغیر میری ذات انجمن.
میں خوش ہوں کسی کی بھی حمایت لیے بغیر۔
❤️💖💖❤️❤️❤️❤️💖
ڈاکٹر صغیر احمد صدیقی خیرا بازار ضلع بہرائچ

Language: Urdu
Tag: غزل
254 Views

You may also like these posts

वफ़ाओं का सिला कोई नहीं
वफ़ाओं का सिला कोई नहीं
अरशद रसूल बदायूंनी
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तेरी निशानियां महफूज़ रखी है दिल के किसी कोने में,
तेरी निशानियां महफूज़ रखी है दिल के किसी कोने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खेल कितने है ये जिंदगी तेरे
खेल कितने है ये जिंदगी तेरे
Shinde Poonam
ज़माना हक़ीक़त
ज़माना हक़ीक़त
Vaishaligoel
*Perils of Poverty and a Girl child*
*Perils of Poverty and a Girl child*
Poonam Matia
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
कच कच कच कच बोले सन
कच कच कच कच बोले सन
आकाश महेशपुरी
"तेरी नजरें"
Dr. Kishan tandon kranti
छंद विधान के लिए
छंद विधान के लिए
guru saxena
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
पूर्वार्थ
मैं तो बस कलम चलाता हूँ
मैं तो बस कलम चलाता हूँ
VINOD CHAUHAN
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तन्हा रात तन्हा हम और तन्हा तुम
तन्हा रात तन्हा हम और तन्हा तुम
Naresh
सुनो मैं बदलना चाहती हूं
सुनो मैं बदलना चाहती हूं
Jyoti Roshni
अंततः कब तक ?
अंततः कब तक ?
Dr. Upasana Pandey
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती हमसे
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती हमसे
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
बारिश की बूँदें
बारिश की बूँदें
Smita Kumari
नहीं खुशियां नहीं गम यार होता।
नहीं खुशियां नहीं गम यार होता।
सत्य कुमार प्रेमी
4577.*पूर्णिका*
4577.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरे शहर में
तेरे शहर में
Shyam Sundar Subramanian
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
Pratibha Pandey
"जुदा ही ना होते"
Ajit Kumar "Karn"
मैं मजबूर हूँ
मैं मजबूर हूँ
सोनू हंस
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आज असंवेदनाओं का संसार देखा।
आज असंवेदनाओं का संसार देखा।
Manisha Manjari
पन बदला प्रण बदलो
पन बदला प्रण बदलो
Sanjay ' शून्य'
अंजुली भर नेह
अंजुली भर नेह
Seema gupta,Alwar
Loading...