✍️वो सब अपने थे…
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अब मैं भी थक गया हूँ
मेरे पीठ में खंजरों के घांव गिनकर
हाँ सब तो उन्हीं के थे
जिन्हें बैठा था मैं अपना समझकर
…………………………………………..…//
©✍️’अशांत’ शेखर
07/10/2022
अब मैं भी थक गया हूँ
मेरे पीठ में खंजरों के घांव गिनकर
हाँ सब तो उन्हीं के थे
जिन्हें बैठा था मैं अपना समझकर
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©✍️’अशांत’ शेखर
07/10/2022