✍️बुद्ध का उदय
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दुःखो की चरमसीमा पर
अक्सर वे लोग हार जाते है
जिनके संयम जवाब दे जाते है
इसके बाद ही तो सुखमय
परम आनंद के सफर की
शुरुवात होती है
मात्र बुद्ध का उदय तब होता है
जब मानव दुःखो के परमोच्च
शिखर पर विराजमान होता है
वही से जीवन मुक्ति के विलय
की अंतर्मन दृष्टी भव्य और
विशाल होती है
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©✍️’अशांत’ शेखर
20/09/2022