✍️दुनियां को यार फिदा कर…
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/c3c8e974cf7728ba2ca137da03af44ee_fa497f6de3fe5666421ec0f5939abfd8_600.jpg)
इन कुम्हलाते जेहन में एक नई सोच तू जिंदा कर
ये मन के स्याह अँधेरे है इसमें नई रोशनी पैदा कर
गुमराह करते है वो रास्ते जहाँ संगमिल ना लगा हो
कुछ अपनी राहें चुनकर दुनियां को यार फिदा कर
……………………………………………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
01/11/2022