कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*