Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2022 · 1 min read

■ ग़ज़ल / ख़ाली निकला…

■ ग़ज़ल / ख़ाली निकला…
【प्रणय प्रभात】
– अहसासों से ख़ाली निकला।
हर आँसू घड़ियाली निकला।।
– भरा-भराया सा दिखता था।
वो बादल जो ख़ाली निकला।।
– क़त्ल हुआ मासूम कली का।
हत्यारा ख़ुद माली निकला।।
– एक शब्द कल संबोधन था।
ग़ौर किया तो गाली निकला।।
– हाथ पसारा जिस के आगे।
वो ख़ुद एक सवाली निकला।।
– ये भी अपना वो भी अपना।
सारा खेल ख़याली निकला।।
– आया जाँच ठगी की करने।
वो अफ़सर ख़ुद जाली निकला।।
😊😊😊😊😊😊😊😊😊

1 Like · 34 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
दीपावली 🎇🪔❤️
दीपावली 🎇🪔❤️
Skanda Joshi
रेलगाड़ी
रेलगाड़ी
श्री रमण 'श्रीपद्'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
नितिन पंडित
फेमस होने के खातिर ही ,
फेमस होने के खातिर ही ,
Rajesh vyas
2316.पूर्णिका
2316.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ याद रखिएगा...
■ याद रखिएगा...
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रणय 2
प्रणय 2
Ankita Patel
वट सावित्री
वट सावित्री
लक्ष्मी सिंह
मृत्यु के बाद भी मिर्ज़ा ग़ालिब लोकप्रिय हैं
मृत्यु के बाद भी मिर्ज़ा ग़ालिब लोकप्रिय हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आम आदमी की आवाज हैं नागार्जुन
आम आदमी की आवाज हैं नागार्जुन
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-185💐
💐प्रेम कौतुक-185💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
महंगाई नही बढ़ी खर्चे बढ़ गए है
महंगाई नही बढ़ी खर्चे बढ़ गए है
Ram Krishan Rastogi
अटल-अवलोकन
अटल-अवलोकन
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
जीवन का मुस्कान
जीवन का मुस्कान
Awadhesh Kumar Singh
मजबूर दिल की ये आरजू
मजबूर दिल की ये आरजू
VINOD KUMAR CHAUHAN
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
Er Sanjay Shrivastava
कवियों से
कवियों से
Shekhar Chandra Mitra
फायदा उठाया है उसने अपने पद का
फायदा उठाया है उसने अपने पद का
कवि दीपक बवेजा
पर्यावरण-संरक्षण
पर्यावरण-संरक्षण
Kanchan Khanna
लम्हों की तितलियाँ
लम्हों की तितलियाँ
Karishma Shah
इश्क़ जोड़ता है तोड़ता नहीं
इश्क़ जोड़ता है तोड़ता नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
या' रब तेरे जहान के
या' रब तेरे जहान के
Dr fauzia Naseem shad
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
श्याम सिंह बिष्ट
गीत- अमृत महोत्सव आजादी का...
गीत- अमृत महोत्सव आजादी का...
डॉ.सीमा अग्रवाल
“POLITICAL THINKING COULD BE ALSO A HOBBY”
“POLITICAL THINKING COULD BE ALSO A HOBBY”
DrLakshman Jha Parimal
बाँध लू तुम्हें......
बाँध लू तुम्हें......
Dr Manju Saini
मैथिल ब्राह्मण महासभामे मैथिली वहिष्कार, संस्कृत भाषाके सम्मान !
मैथिल ब्राह्मण महासभामे मैथिली वहिष्कार, संस्कृत भाषाके सम्मान !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आवारगी मिली
आवारगी मिली
Satish Srijan
Loading...