हुऐ बर्बाद हम तो आज कल आबाद तो होंगे

हुऐ बर्बाद हम तो आज कल आबाद भी होंगे
मोहोब्बत की नहीं फिर भी किसी को याद भी होंगे
जुटे सालों से महनत में बो महनत आज भी कायम
किसी की कैद में हैं आज कल आजाद भी होंगे
कलम से
आनंद के ऐस