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1 Jul 2016 · 1 min read

हां यही सरकार है

आदमी लाचार है
चल रही सरकार है

नाट्यशाला का मुखर
सिरफिरा किरदार है

भक्त है वो देश का
दूसरा गद्दार है

बात कुछ होगी सुनो
बोलता दमदार है

संत हैं वो सब के सब
और सब बेकार है

आजकल मंदा नही
तेज कारोबार है

सातवां वेतन है या
गुप्त इक तलवार है

स्तब्ध है सारा जहां
ये कौन सी सरकार है

हम समझ पाये नही
ये समझ के पार है

3 Comments · 327 Views
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