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2 Sep 2021 · 3 min read

“हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया” के “अंगद” यानि सिद्धार्थ नहीं रहे

सिद्धार्थ शुक्ला का जन्म 12 दिसंबर 1980 ई. को मुंबई महाराष्ट्र में हुआ था और हृदय गति रुक जाने से आज 2 सितंबर 2021 ई. को निधन हो गया। दरवाज़ा खटकने के बाद जब उन्होंने दरवाज़ा नहीं खोला तो घर में मौजूद लोगों ने दरवाज़ा तोडा और देखा वह बेहोशी की हालत में पड़े हैं, जहाँ से उन्हें कूपर अस्पताल ले जाया गया। “सिद्धार्थ शुक्ला को जब वहां लाया गया तो उनकी सांसें थम चुकी थीं।” कूपर अस्‍पताल की ओर से दिए गए व्यक्तव्य में स्पष्ट किया गया था। सिद्धार्थ शुक्ला के परिवार में उनकी माता जी और दो बहने हैं। उनके पिता का पहले ही निधन हो चुका है। मॉडलिंग के दिनों में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया था।

बिग बॉस सीजन 13 को जीतने के बाद से सिद्धार्थ लगातार सुर्ख़ियों में बने हुए थे! ज्योतिष के अनुसार तेरह अशुभ होता है! पिछले बरस 2020 ई. कोरोना काल में यूँ तो फ़िल्मी दुनिया से जुड़े कई बेहतरीन कलाकार विदा हो गए हैं। मगर सुशान्त सिंह राजपूत के बाद किसी बड़े जवान अभिनेता की ये आकस्मिक मौत ने ये हमें दूसरा बड़ा सदमा दिया है। सुशान्त की आत्महत्या की गुत्थी अभी सुलझी नहीं है। सुशान्त मामले में हुई फजीहत से सबक लेते हुए मुम्बई पुलिस इस बार सिद्धार्थ के मामले में अतिरिक्त सावधानी बरत रही है! परिवार ने इसे प्राकृतिक मृत्यु बताया है! लेकिन कूपर अस्पताल के डाक्टर कोई जोखिम नहीं उठा रहे हैं और पोस्टमार्टम कर रहे हैं! जिस कारण देरी हो जाने से मृतक अभिनेता के शव का अंतिम संस्कार कल 3 सितंबर 2021 ई. को किया जायेगा!

सिद्धार्थ शुक्ल तेजी से उभरने वाले मुंबई के एक बेहतरीन भारतीय अभिनेता और मॉडल थे। उन्होंने 2008 के शो ‘बाबुल का आंगन” के द्वारा’ छोटे परदे टी.वी. से अपने अभिनय जीवन की शुरुआत की थी। उन्हें ‘लव यू जिंदगी’, ‘बालिका वधु’ और ‘दिल से दिल तक’ टीवी धारावाहिकों में निभाई गई यादगार भूमिकाओं के लिए जाना जाता है।

उन्होंने रियलिटी शो ‘झलक दिखला जा’, ‘फियर फैक्टर: खतरों के खिलाड़ी’ और ‘बिग बॉस 13’ में भी भाग लिया था। फ़िल्मी परदे पर 2014 ई. में आई “हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया” में सिद्धार्थ ने एक सहायक भूमिका “अंगद” के रूप में निभाई थी।

एक इंटरव्‍यू में सिद्धार्थ ने बड़ी बेबाकी से अपने विषय में बताया था, “मैं खेलकूद में ज्‍यादा था इसलिए पढ़ाई लिखाई में थोड़ा कमज़ोर रह गया। और इसी कारण मुझे यह भी नहीं पता था कि मैं भविष्य में क्या करुंगा? मेरे घर में सभी उच्च सर्विस क्‍लास नौकरी पेशा लोग हैं। अतः मुझे भी यही लगा कि मैं आगे जा कर नौकरी ही करुंगा। सो मेरे पल्ले कुछ नहीं पड़ा तो मैंने इंटीरियर डिजाइन में डिग्री का कोर्स कर लिया।’ वैसे सिद्धार्थ को स्कूल के वक़्त से ही टेनिस और फुटबॉल खेलने का बेहद शौक़ रहा और उन्होंने अपने विद्यालय का प्रतिनिधित्व भी किया। आगे इंटरव्‍यू में सिद्धार्थ ने खुलासा करते हुए कहा था, “मेरे पैर में चोट लगने की वजह से टेनिस और फुटबॉल दोनों ही खेल मैं अब खेल नहीं पाता हूं मगर कभी-कभार फ़ुरसत के क्षणों में टेबल टेनिस मैं आज भी खेलता रहता हूं।”

सिद्धार्थ से जुड़े लोगों के माध्यम से ऐसा भी सुनने में आ रहा है—सिद्धार्थ काफ़ी बीमार रहने लगे थे| उनका नियमित इलाज भी जारी था, पर उन्हें कुछ लाभ नहीं हो रहा था | उन्हें देखने वाले एक डॉक्टर ने मिडिया को बताया के सिद्धार्थ की दिल की धड़कन काफ़ी धीमी हो गई है | शायद यही मुख्य कारण रहा हो, उनके इस अचानक हार्ट अटैक के पीछे| सिद्धार्थ के पड़ोस में रहने वाले एक शख़्स ने उनका नाम न बताने की शर्त पर बताया था कि पिछले रात सिद्धार्थ शुक्ला घर आए थे तो उनकी बी.एम.डब्ल्यू. कार का पीछे का पूरा शीशा ही टूटा हुआ था, शायद उनका किसी के साथ झड़गा हुआ हुआ था और उसी टेंशन में ये अटैक आया हो |

ख़ैर, जितने मुँह उल्टी बातें! पर अभी सिद्धार्थ के पास छूने को एक आकाश था। बड़े परदे पर उनको कई फ़िल्मी रोल निभाने थे। उत्तरांचली साहित्य संस्थान की ओर से ईश्वर दिवन्गत आत्मा को शांति दे।

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Language: Hindi
Tag: लेख
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Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali

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