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8 May 2022 · 1 min read

हमारी प्यारी मां

ममता का एक घड़ा है माँ।
देवी का स्वरूप है माँ।
हमारी हर एक मुस्कान में
बसी हुई है हमारी प्यारी माँ।
इंद्रधनुष के सात रंगों जैसे
खूबसूरती का भंडार है माँ।
हमारे लिए
कभी शीतल जल
तो कभी तूफान बन जाती हैं माँ।
हमें पेटभर खिलाकर
खुद भूखे पेट सो जाती हैं माँ।
फिर भी न जाने क्यों हम लोग
अपमान उस देवी का करते हैं?
ममता की मूरत को हम लोग
ख्याल नहीं रखा करते हैं।
क्यों हर बार हम अपनी माँ को
वृद्धाश्रम में छोड़ दिया करते हैं?
जो कुछ भी करते रहे हो तुम
हर बार अपनी माँ के साथ
फिर भी तुम्हारी माँ ने
आशीर्वाद देने उठाया अपना हाथ।

– श्रीयांश गुप्ता

Language: Hindi
2 Likes · 310 Views
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