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26 Feb 2023 · 1 min read

स्वार्थ

दुल्हन की तरह सजी इस धरती को
मानव ने धीरे धीरे कर उजाड़ डाला
अपने स्वार्थ को पाने के लिए
मानव ने दूसरों का घर उजाड़ डाला
स्वार्थ इतनी भरी पड़ी है
कि अपनों को भूल जाते हैं
जब स्वयं पर आती है तकलीफे
तब दूसरों की याद आती है
मैं सोचता हूं मानव को ईश्वर ने क्यों बनाया
और बनाया तो इतनी लालच क्यों दे डाला
क्या लेकर आया था क्या लेकर जाएगा
जो अपने को न हो पाया
वह दूसरे को क्या हो पाएगा
दुल्हन की तरह सजी इस धरती को
मानव ने धीरे-धीरे कर उजाड़ डाला

सुशील कुमार चौहान
फारबिसगंज अररिया बिहार

Language: Hindi
48 Views
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