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23 Jul 2016 · 1 min read

सोचती हूँ…..

सोचती हूँ
किसी दिन पी लूं
तुम्हारे होठों की मय
एक ही सांस में
और कूद जाऊं
तुम्हारी आँखों की
पनीली झील में
तुम पुकारो मुझे
मेरा नाम लेकर
और मैं घुल जाऊं
तुम्हारी साँसों की
गहरी नील में ….!
© डॉ प्रिया सूफ़ी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 516 Views
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