Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2022 · 1 min read

सृष्टि के रहस्य सादगी में बसा करते है, और आडंबरों फंस कर, हम इस रूह को फ़ना करते हैं।

कुछ तूफां किनारों पर नज़र रखते हैं,
साथ चलते हैं समंदर में, पर साहिलों पर असर करते हैं।
लक़ीरें हाथों की भी तो, तां-उम्र साथ चलती है,
फिर क्यों ख़्वाहिशें, क़िस्मत से हर वक़्त लड़ा करतीं हैं।
वो सितारे जो घनी रातों की चमक बनते हैं,
ग़र्दिशों में डूबकर हीं तो, नज़रों में ऐसे चढ़ते हैं।
नंगे पाँवों को, जो शबनम सुकूं दिया करती है,
बिना कड़ी धूप के, परछाईयाँ भी कहाँ जन्म लिया करती हैं।
वो ख़्याल जो हर वक़्त ज़हन में रहा करते हैं,
अक्सर शब्दों के बीच की, ख़ामोशियों में दफ़्न रहते हैं।
कुछ सवाल जो अस्तित्व को धाराशाही करती हैं,
क्या जवाबों की सत्यता, जानकार भी वो दर्दों से उबरती है।
सुख-दुःख के दो पहियों पर, ज़िन्दगी ये सफर करती है,
फिर भी एक दूसरे से मिलते हीं बिछड़ती है।
सृष्टि के रहस्य सादगी में बसा करते है,
और आडंबरों फंस कर, हम इस रूह को फ़ना करते हैं।

3 Likes · 340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
मीत की प्रतीक्षा -
मीत की प्रतीक्षा -
Seema Garg
परेशानियों से न घबराना
परेशानियों से न घबराना
Vandna Thakur
दिल
दिल
Dr Archana Gupta
सम्भाला था
सम्भाला था
भरत कुमार सोलंकी
वक्त से पहले..
वक्त से पहले..
Harminder Kaur
ज्यादा अच्छा होना भी गुनाह है
ज्यादा अच्छा होना भी गुनाह है
Jogendar singh
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
Dr MusafiR BaithA
चन्द्रमा
चन्द्रमा
Dinesh Kumar Gangwar
*अदरक (बाल कविता)*
*अदरक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
तबीयत मचल गई
तबीयत मचल गई
Surinder blackpen
■ जनादेश की ऐसी-तैसी...
■ जनादेश की ऐसी-तैसी...
*प्रणय प्रभात*
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"शोर"
Dr. Kishan tandon kranti
बुंदेली दोहा-बखेड़ा
बुंदेली दोहा-बखेड़ा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
झूठा तन का आवरण,
झूठा तन का आवरण,
sushil sarna
********* हो गया चाँद बासी ********
********* हो गया चाँद बासी ********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कहाँ जाऊँ....?
कहाँ जाऊँ....?
Kanchan Khanna
राम-वन्दना
राम-वन्दना
विजय कुमार नामदेव
वक्त
वक्त
Astuti Kumari
" न जाने क्या है जीवन में "
Chunnu Lal Gupta
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
दान
दान
Neeraj Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
कितना तन्हा
कितना तन्हा
Dr fauzia Naseem shad
What consumes your mind controls your life
What consumes your mind controls your life
पूर्वार्थ
सीता स्वयंवर, सीता सजी स्वयंवर में देख माताएं मन हर्षित हो गई री
सीता स्वयंवर, सीता सजी स्वयंवर में देख माताएं मन हर्षित हो गई री
Dr.sima
गिरता है धीरे धीरे इंसान
गिरता है धीरे धीरे इंसान
Sanjay ' शून्य'
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
आर.एस. 'प्रीतम'
2439.पूर्णिका
2439.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...