Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2022 · 1 min read

बढ़ेगा फिर तो तेरा क़द

बढ़ेगा फिर तो तेरा क़द
सुना दे शेर जो इक-अद

है दिल क्या चीज़ तू सब ले
दे दूँ तुझे आज मैं मनसद

दिवाने जां लुटा देंगे
महब्बत की न कोई हद

जहां रबका सभी के लिए
न तय कर तू कोई सरहद

सभी को प्रेम ही देना
बड़ा ही नेक है मक़सद

•••

2 Likes · 1 Comment · 77 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali

You may also like:
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
■ आज की सोच...
■ आज की सोच...
*Author प्रणय प्रभात*
घुट रहा है दम
घुट रहा है दम
Shekhar Chandra Mitra
मेरा यार
मेरा यार
rkchaudhary2012
स्त्री मन
स्त्री मन
Surinder blackpen
***
*** " मनचला राही...और ओ...! " *** ‌ ‌‌‌‌
VEDANTA PATEL
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जमाने से सुनते आये
जमाने से सुनते आये
ruby kumari
कंक्रीट के गुलशन में
कंक्रीट के गुलशन में
Satish Srijan
मातृ दिवस या मात्र दिवस ?
मातृ दिवस या मात्र दिवस ?
विशाल शुक्ल
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
तुम्हारा प्यार साथ था गोया
तुम्हारा प्यार साथ था गोया
Ranjana Verma
बेरोजगारों को वैलेंटाइन खुद ही बनाना पड़ता है......
बेरोजगारों को वैलेंटाइन खुद ही बनाना पड़ता है......
कवि दीपक बवेजा
या' रब तेरे जहान के
या' रब तेरे जहान के
Dr fauzia Naseem shad
प्रेत बाधा एव वास्तु -ज्योतिषीय शोध लेख
प्रेत बाधा एव वास्तु -ज्योतिषीय शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
है वही, बस गुमराह हो गया है…
है वही, बस गुमराह हो गया है…
Anand Kumar
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मन सीत मीत दिलवाली
मन सीत मीत दिलवाली
Seema gupta,Alwar
छोटी-छोटी बातों से, ऐ दिल परेशाँ न हुआ कर,
छोटी-छोटी बातों से, ऐ दिल परेशाँ न हुआ कर,
_सुलेखा.
क्या रखा है? वार में,
क्या रखा है? वार में,
Dushyant Kumar
ठंडी क्या आफत है भाई
ठंडी क्या आफत है भाई
AJAY AMITABH SUMAN
Tum bina bole hi sab kah gye ,
Tum bina bole hi sab kah gye ,
Sakshi Tripathi
दर्द का रंग एक सा ही रहता है, हो कहीं,
दर्द का रंग एक सा ही रहता है, हो कहीं,
Dr. Rajiv
"पकौड़ियों की फ़रमाइश" ---(हास्य रचना)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कोई इतना नहीं बलवान
कोई इतना नहीं बलवान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गज़ल
गज़ल
Mahendra Narayan
💐प्रेम कौतुक-275💐
💐प्रेम कौतुक-275💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बड़ा असंगत आजकल, जीवन का व्यापार।
बड़ा असंगत आजकल, जीवन का व्यापार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इतिहास और साहित्य
इतिहास और साहित्य
Buddha Prakash
Loading...