Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2023 · 1 min read

सी डी इस विपिन रावत

अगुवा बन कर तुम चले सदा,
हिम्मत हिकमत से साजा थे।
सरदार थे तुम सामन्त थे तुम,
तुम ही सेना के राजा थे।
रावत तेरा अर्थ बड़ा सा था।
हर कदम जीत पर अड़ा सा था।
अनहोनी हाथों छले गए।
रावत क्यों विपिन से चले गए।

जब तू सरहद पर जाता था,
तेरे नाम से अरि थर्राता था।
कहते वीरों को बताऊंगा,
मैं कभी पहली न चलाऊंगा।
पर उधर से यदि आयी कोई,
फिर गिनती नहीं कराऊंगा।
यही सीख में हम सब ढले गए,
रावत क्यों विपिन से चले गए।

असामयिक जाना खला बहुत,
आंखों से आंसू मला बहुत।
हे वीरगती पाने वाले,
फिर लौट के न आने वाले।
श्रद्धांजलि तुम्हें समर्पित है,
अंतिम अभिवादन अर्पित है।
सेनापति दिल से खले गए,
रावत क्यों विपिन से चले गए।

सतीश सृजन, लखनऊ।

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 31 Views
You may also like:
🗿🗿आपको याद किया याद किया।🗿🗿
🗿🗿आपको याद किया याद किया।🗿🗿
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मोहन तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
मोहन तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
डॉ.सीमा अग्रवाल
एकता
एकता
Aditya Raj
"ज़िंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक़ जीया करते...
Mukul Koushik
हम आज भी
हम आज भी
Dr fauzia Naseem shad
नारी से संबंधित दोहे
नारी से संबंधित दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"पैसा"
Dr. Kishan tandon kranti
नया साल
नया साल
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*** सागर की लहरें........!!! ***
*** सागर की लहरें........!!! ***
VEDANTA PATEL
तू ही है साकी तू ही मैकदा पैमाना है,
तू ही है साकी तू ही मैकदा पैमाना है,
Satish Srijan
यह तस्वीर कुछ बोलता है
यह तस्वीर कुछ बोलता है
राकेश कुमार राठौर
कोयल कूके
कोयल कूके
Vindhya Prakash Mishra
✍️जन्मदिन✍️
✍️जन्मदिन✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
🏠कुछ दिन की है बात ,सभी जन घर में रह लो।
🏠कुछ दिन की है बात ,सभी जन घर में रह...
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
Shivam Sharma
होली की हार्दिक शुभकामनाएं🎊
होली की हार्दिक शुभकामनाएं🎊
Aruna Dogra Sharma
आई लव यू / आई मिस यू
आई लव यू / आई मिस यू
N.ksahu0007@writer
मेरे भी अध्याय होंगे
मेरे भी अध्याय होंगे
सूर्यकांत द्विवेदी
नेतागिरी का धंधा (हास्य व्यंग्य)
नेतागिरी का धंधा (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
ओ मेरी जान
ओ मेरी जान
gurudeenverma198
अल्फाज़
अल्फाज़
Dr.S.P. Gautam
समारंभ
समारंभ
Utkarsh Dubey “Kokil”
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
घर फूंकने का साहस
घर फूंकने का साहस
Shekhar Chandra Mitra
शाकाहार बनाम धर्म
शाकाहार बनाम धर्म
मनोज कर्ण
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
Tarang Shukla
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
चिरनिन्द्रा
चिरनिन्द्रा
विनोद सिल्ला
Loading...