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15 Sep 2016 · 1 min read

सात मुक्तक

सात मुक्तक
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
1-
आज भी है गुलामी बड़ी देश मेँ
हर घड़ी बेबसी ये खड़ी देश मेँ
सत्य तो मौन है, है सहम सा गया
ना लगे दुष्ट को हथकड़ी देश मेँ
2-
रक्षा बन्धन के अवसर पर संकल्प नया करना होगा
है अस्मत खतरे मेँ बहनोँ की हमको ना डरना होगा
अपनी बहनोँ की रखवाली हर भाई तो करता ही है
सबकी बहनोँ की रक्षा खातिर वक्त पड़े मरना होगा
3-
आपका जो हमेँ आसरा मिल गया
कह नहीँ पा रहे अब कि क्या मिल गया
ढूँढने को जिसे हम भटकते रहे
देखकर आपको वो पता मिल गया
4-
आपने जो हमेँ यार इतना दिया
हम हुए धन्य हैँ सोम जैसे पिया
ये हमेँ तो बताएँ जरा आप ही
एक अनजान से प्यार कैसे किया
5-
आपने जो बताया कमीँ को जमीँ
आ गयी देखिए आँख मेँ भी नमी
हम नहीँ चाहते यूँ कि सम्मान हो
हम कि टूटे हुए हैँ फटे आदमी
6-
नन्हेँ बच्चोँ के दुख से ये भर जाता है गाँव मेरा
सावन-भादो के आते ही डर जाता है गाँव मेरा
उल्टी पेचिस और दिमागी रोग कि लेते जान कोई
यूँ कह देँ तो ग़लत न होगा मर जाता है गाँव मेरा
7-
पढ़ोगे तो सफलता का ठिकाना जीत पाओगे
खुशी का और इज्जत का ख़जाना जीत पाओगे
यही इक चीज ऐसी है कि हर पल साथ देती है
इसे तुम जीत कर देखो ज़माना जीत पाओगे

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
402 Views
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