सरस्वती वंदना
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हे मैया मोरी ,
ज्ञान का वर दो मुझ को
हे हंस वह्नि वीणा धारणी ,
शरण पड़ा मैं तेरे ,
शरण पड़ा मैं तेरे ,
मैं अज्ञानी मूरख बालक ,
कर दो दया माँ मुझ पे ,
हे मैया मोरी ,
ज्ञान का वर दो मुझ को
शारदा माँ हे विद्याधारणी
शरण पड़ा मैं तेरे ,
शरण पड़ा मैं तेरे ,
मैं न जानु पूजा अर्चन
दोनों कर जोड़ करू वंदन मैं
हे मैया मोरी ,
ज्ञान का वर दो मुझ को
नीरज मिश्रा “ नीर “ बरही मध्य प्रदेश