समय देकर तो देखो

समय देकर तो देखो
शायद सब कुछ ठीक हो जाए
पुराने-कड़वे रिश्तों में
शायद थोड़ी-सी मिठास भर आए।
दुश्मनी की मशालों में
आग शायद थोड़ी कम हो जाए।
भटके हुए मुसाफिरों को
राह उनको कोई सही मिल जाए।
समय देकर तो देखो
शायद सब कुछ ठीक हो जाए
ज़िन्दगी में आई मुश्किलों का
हल जल्दी से कोई मिल जाए।
दो पीढ़ियों के बीच की खाई
शायद थोड़ी सी भर जाए।
जिन्होंने किया छल तुमसे
शायद उन्हें अपनी गलती मालूम हो जाए।
तुमनें भी अगर की होगी गलतियां
तो शायद तुम्हें उनका पछतावा हो जाए।
समय देकर तो देखो
शायद सब कुछ ठीक हो जाए।