*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
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*भीष्म पितामह की तरह से, कांटो भरी शय्या पर लेटे हुए,
श्री राम भक्त नरेश प्रसाद दुबे ईश्वर की
शरण में जाने को बैचेन रहते।
आंखों से देख नहीं पाते , मन की अंतरात्मा से बातें करते।
स्त्यावदी आदर्शवादी सिद्धांत वादी स्मार्ट सुंदर गोरे भूरी आंखों वाले।
सबके दिलों की बात समझ कर सबका ध्यान रख साथ निभाते।
कभी किसी का बुरा किया न सबका ध्यान रखने वाले।
अपने जीवन काल नियम धर्म लागू कर दूसरों को अहसास करवाते।
भक्ति बिना जीवन संभव नहीं राम नाम जपना रटते प्राण त्यागे।
नयन अश्रु नीर बहाते किसी को कुछ न दिल की बात बतलाते।
जिसके हृदय में राम है बसते उनको क्यों न हनुमान जी है तारते।*जीवन जीने की सीख अच्छे कर्म सत्य वचन दृढ़ संकल्प विश्वास जगाते।*
कभी किसी का बुरा किया नही दूसरों का सहयोग कर हाथ बंटाते।*किस्मत आजमा कर आगे बढ़ते कष्टों को दूर कर सहन शील शांत स्वभाव बन जाते।*
कभी कभी नियम धर्म सिद्धांत वादी चलते जिद्द पे अड़ ही जाते।
नियम के विरुद्ध काम ना हो अडिग रह डट जाते।
जमाखोरी रिश्वत लेने के खिलाफ आवाज उठा सत्य की खातिर आमरण अनशन पे बैठ जाते।
पेड़ पौधे प्रकृति से बेहद लगाव घर की बगिया को सुगंधित महकाते।
संघर्षों से जूझकर पढ़ाई लिखाई पूरी कर अपने दम पर घर द्वार बच्चों की परवरिश कर उनका भाग्य चमकाते।
कर्म सत्य वचन दृढ़ इच्छाशक्ति रखने वाले योद्धा सहन शक्ति की सीमा पार शशि के शिखर पर सविता की नदी किनारे सतीश की सेवा भाव को स्वीकार कर शिवजी ,पार्वती को अकेला छोड़ चले।
शशिकला व्यास शिल्पी✍️
बैचेन मन मस्तिष्क के भाव जब उभर आए हैं।
कलम रुक नही पाए टूटी फूटी भाषा में अभिव्यक्त किया है 🙏🏼😭
अश्रु पूर्ण सादर प्रणाम करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
आपकी यादों को साथ लिए हुए ….हम सभी परिवार जन 🙏🏼