सच
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जीवन के सच हम कहां कहते हैं
दुःख तो दिल की गहराई में रहते हैं
जमाना हम समझते हैं
बस इसलिए तो हम मुस्कराते हैं
रोने वालों के साथ न कोई रोता है
हंसीं जमाने में दूसरों के दुःख न समझता है
बस यही झूठ हम तो सदा मुस्कुराते हैं।
गम ए एहसास को बस यूं ही छुपाते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र