खुश है हम आज क्यों
खुश है हम आज क्यों, दिल क्यों आज खुश हो गया।
क्या खबर इस दिल को आज, शायद कोई मिल गया।।
कोई मिल गया, हमको कोई मिल गया।———–(2)
खुश है हम आज क्यों—————–।।
पूछा नहीं हमने अभी, उससे वह कौन है।
यूं तो बहुत है हसीं, लेकिन अभी वह मौन है।।
लगता है वह अच्छा हमें, दिल भी उसपे आ गया।
कोई मिल गया, हमको कोई मिल गया।।———(2)
खुश हैं हम आज क्यों ———————–।।
महका है बालों में गजरा, पैरों में बजती है पायल।
मदहोश है उसकी निगाहें, कर दिया है दिल घायल।।
हमको भी ऐसा नशा हुआ है, प्यार उससे हो गया।
कोई मिल गया, हमको कोई मिल गया।।———-(2)
खुश हैं हम आज क्यों ————————।।
मिलकर बनायेंगे हम, घर यहाँ अपने सपनों का।
महका होगा हमारा चमन, साथ होगा जन्मों का।।
ना कभी बिछुड़ेंगे हम, ख्वाब हमारा यह हो गया।
कोई मिल गया, हमको कोई मिल गया।।———–(2)
खुश हैं हम आज क्यों ————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)