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23 Feb 2023 · 1 min read

सच और हकीकत

किसी और का नहीं
अपना किरदार निभाता हूं
जो दिल में आए मेरे
बस वही बात बताता हूं
जो समझना चाहते हो
तुम वो समझ लेना
मैं इधर उधर की नहीं
बात दिल की बताता हूं

तभी तो कइयों को
मेरा किरदार अखरता है
दिखाकर दागदार चेहरा मेरा
देखो वो खुद को संवारता है
जोड़ना चाहो जोड़ लो
किसी से भी नाम मेरा
भट्टी में तपाओगे जितना
सोना तो उतना निखरता है

छोटी करके दूसरों की
लकीर कुछ नहीं होता
यहां अपनी लकीर को
लंबा करना पड़ता है
मत खींच दूसरों को पीछे,
बढ़ तू भी आगे
तू आज भी क्यों
छोटी छोटी बातों पर लड़ता है

कैसे पाएगा तू
सम्मान युवा पीढ़ी का
जब तू खुद बड़ों का
सम्मान नहीं करता
पाया है उसने ये मुकाम
जीवन भर की मेहनत से
तू क्यों ये बात अब भी
स्वीकार नहीं करता।

Language: Hindi
8 Likes · 3 Comments · 875 Views
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Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'

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