Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

संघर्षी वृक्ष

कुछ संवर गया, कुछ उजड़ गया
ये तेरी उम्र थी, ये तेरा हिस्सा था
टूट कर तुझसे बिछड़ गया
हवा आयी थी तूफा और झोंका बनकर
मैंने देखा तूने कोशिश की, या मनमानी की
तू थोड़ा संभला और थोड़ा फिसल गया ।
खैर तू अब भी अपने काम का है
साथी अपने शाम का है
हम झूलेगे, हम खेलेगे
की फलसफा तू बचपन के आराम का है।
तुम्हें सबकी खिल खिलाहट सुनाई तो देती होगी
भूल हुई तूफा वाले मंजर से, प्रकृति सफाई तो देती होगी
तू नवजीवन ले, फिर से पन्पेगा
प्रकृति के अँगना में विशाल हो कर तनेगा
अगली बार तू खुद आंधी बन जाना
झुमना, गाना शोर मचाना।
तेरे ठंडक में हम भी झुलेगे
तू साथी है, ये कभी ना भुलेगे।।।

1 Like · 1 Comment · 137 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो इश्क किस काम का
वो इश्क किस काम का
Ram Krishan Rastogi
*चुनावी पलटीमारी 【कुंडलिया】*
*चुनावी पलटीमारी 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
#जयहिंद
#जयहिंद
Rashmi Ranjan
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
"नया अवतार"
Dr. Kishan tandon kranti
कब तुम?
कब तुम?
Pradyumna
जिनके पास अखबार नहीं होते
जिनके पास अखबार नहीं होते
Surinder blackpen
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
साये
साये
shabina. Naaz
शरीफ यात्री
शरीफ यात्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सही नहीं है /
सही नहीं है /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बुरी आदत की तरह।
बुरी आदत की तरह।
Taj Mohammad
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
हिन्दी
हिन्दी
Saraswati Bajpai
मातृभाषा हिन्दी
मातृभाषा हिन्दी
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
बुलन्द अशआर
बुलन्द अशआर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
“SAUDI ARABIA HAS TWO SETS OF TEETH-ONE TO SHOW OFF AND THE OTHER TO CHEW WITH “
“SAUDI ARABIA HAS TWO SETS OF TEETH-ONE TO SHOW OFF AND THE OTHER TO CHEW WITH “
DrLakshman Jha Parimal
शिक्षक दिवस का दीप
शिक्षक दिवस का दीप
Buddha Prakash
खूबसूरत चेहरे
खूबसूरत चेहरे
Prem Farrukhabadi
💐अज्ञात के प्रति-71💐
💐अज्ञात के प्रति-71💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
तू जो कहती प्यार से मैं खुशी खुशी कर जाता
तू जो कहती प्यार से मैं खुशी खुशी कर जाता
Kumar lalit
भारत के बुद्धिजीवी
भारत के बुद्धिजीवी
Shekhar Chandra Mitra
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
Paras Nath Jha
समय वीर का
समय वीर का
दशरथ रांकावत 'शक्ति'
✍️बहोत गर्मी है✍️
✍️बहोत गर्मी है✍️
'अशांत' शेखर
बता ये दर्द
बता ये दर्द
विजय कुमार नामदेव
वक़्त बे-वक़्त तुझे याद किया
वक़्त बे-वक़्त तुझे याद किया
Anis Shah
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...