शहज़ादी
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चुनरी गायब,मुदरी गायब,
गायब आंख का अंजन।
कोटी गायब चोटी गायब,
गायब पायल बंजन।
देखो घुघनराली लट गायब,
पैर महावर रंग।
भारत की सुंदर नारियों का,
गायब अपना ढंग।
जीन्स टॉप का भया जमाना,
गोरी लगे भाई साहब।
कपड़े दिन दिन छोटे हो रहे,
अंगवस्त्र हुआ गायब।
हक़ हकूक है इक्वल सबका,
सबको है आज़ादी।
उमा रमा सीता हुईं गयाब,
अब सब हैं शहज़ादी।