वीरों को युद्ध आह्वान…..
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/958224401089eb728ef2a60490e48fe1_8833f072142936a4c5a6328784bec711_600.jpg)
प्रचंड है तू वीर है,
वीर में गंभीर है,
गंभीर में भी अधीर है,
संकट आए और न जाए,
आकर तुम से यदि टकराए,
बन जाओ तुम भी पर्वत
और करो लड़ाई अनवरत,
मत देखो पीछे तुम अपने
भिड़ जाओ आगे तुम अरि से,
दिखाओ अपनी गंभीरता
दिखाओ अपनी वीरता,
वीरता का रण है यह
यहाँ कोई अमर है क्या ?
लगा दिया तुमने सर्वस्व अपना
इसलिए जय तुम्हारा तय होगा
यही ईश्वर का निर्णय होगा |